Movie/Album : टर्निंग ३० (2011)
Music By : सिद्धार्थ-सुहास
Lyrics By : कुमार
Performed By : सुहास शेट्टी
सपने
खिले हुए रंगों से, उड़े हुए पतंगों से
अम्बर से है ऊँचे
टुकड़े
बुझे हुए सूरज के अभी-अभी हैं चमके
रोशन है उम्मीदें
दी सुबह ने आहटें
सारे अरमां नींदों से जागे हैं
अब तो पीछे कुछ नहीं
जिन्हें मिलना है मंज़र वो आगे हैं
खुद को ढूँढा यहाँ दूसरों में
बस भटकते रहे फासलों में
वक़्त बन के लहर बह गया
जाते-जाते मगर कह गया
जिसे ढूँढ़ते हैं वो
ख़ुशी अपने अन्दर ही रहती है
है खुद में जहाँ तेरा
ज़िन्दगी भी हमसे ये कहती है
अब है चेहरा नया मंज़िलों का
अब सफ़र है नए सिलसिलों का
हमसफ़र बनके ये हौसला
नयी दिशा में कहीं ले चला
अब मिला है जो रास्ता
इन क़दमों में चलने की ख्वाहिश है
जिन्हें देखा दूर से
उन लम्हों को छूने की कोशिश है
सपने...
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Music By : सिद्धार्थ-सुहास
Lyrics By : कुमार
Performed By : सुहास शेट्टी
सपने
खिले हुए रंगों से, उड़े हुए पतंगों से
अम्बर से है ऊँचे
टुकड़े
बुझे हुए सूरज के अभी-अभी हैं चमके
रोशन है उम्मीदें
दी सुबह ने आहटें
सारे अरमां नींदों से जागे हैं
अब तो पीछे कुछ नहीं
जिन्हें मिलना है मंज़र वो आगे हैं
खुद को ढूँढा यहाँ दूसरों में
बस भटकते रहे फासलों में
वक़्त बन के लहर बह गया
जाते-जाते मगर कह गया
जिसे ढूँढ़ते हैं वो
ख़ुशी अपने अन्दर ही रहती है
है खुद में जहाँ तेरा
ज़िन्दगी भी हमसे ये कहती है
अब है चेहरा नया मंज़िलों का
अब सफ़र है नए सिलसिलों का
हमसफ़र बनके ये हौसला
नयी दिशा में कहीं ले चला
अब मिला है जो रास्ता
इन क़दमों में चलने की ख्वाहिश है
जिन्हें देखा दूर से
उन लम्हों को छूने की कोशिश है
सपने...