Movie/Album: अनारकली (1953)
Performed By: लता मंगेशकर
ये ज़िन्दगी उसी की है, जो किसी का हो गया
प्यार ही में खो गया
ये ज़िन्दगी उसी...
ये बहार, ये समा, कह रहा है प्यार कर
किसी की आरज़ू में अपने दिल को बेक़रार कर
ज़िन्दगी है बेवफ़ा, लूट प्यार का मज़ा
ये ज़िन्दगी उसी...
धड़क रहा है दिल तो क्या, दिल की धड़कनें ना गिन
फिर कहाँ ये फ़ुर्सतें, फिर कहाँ ये रात-दिन
आ रही है ये सदा, मस्तियों में झूम जा
ये ज़िन्दगी उसी...
जो दिल यहाँ न मिल सके, मिलेंगे उस जहान में
खिलेंगे हसरतों के फूल, जा के आसमान में
ये ज़िन्दगी चली गई जो प्यार में तो क्या हुआ
ये ज़िन्दगी उसी...
सुनाएगी ये दास्तां, शमा मेरे मज़ार की
फ़िज़ा में भी खिली रही, ये कली अनार की
इसे मज़ार मत कहो, ये महल है प्यार का
ये ज़िन्दगी उसी...
ऐ ज़िंदगी की शाम आ, तुझे गले लगाऊं मैं
तुझी में डूब जाऊं मैं, जहां को भूल जाऊं मैं
बस इक नज़र मेरे सनम
अल्विदा, अल्विदा...
Share:
Music By: सी.रामचन्द्र
Lyrics By: राजिंदर कृष्णPerformed By: लता मंगेशकर
ये ज़िन्दगी उसी की है, जो किसी का हो गया
प्यार ही में खो गया
ये ज़िन्दगी उसी...
ये बहार, ये समा, कह रहा है प्यार कर
किसी की आरज़ू में अपने दिल को बेक़रार कर
ज़िन्दगी है बेवफ़ा, लूट प्यार का मज़ा
ये ज़िन्दगी उसी...
धड़क रहा है दिल तो क्या, दिल की धड़कनें ना गिन
फिर कहाँ ये फ़ुर्सतें, फिर कहाँ ये रात-दिन
आ रही है ये सदा, मस्तियों में झूम जा
ये ज़िन्दगी उसी...
जो दिल यहाँ न मिल सके, मिलेंगे उस जहान में
खिलेंगे हसरतों के फूल, जा के आसमान में
ये ज़िन्दगी चली गई जो प्यार में तो क्या हुआ
ये ज़िन्दगी उसी...
सुनाएगी ये दास्तां, शमा मेरे मज़ार की
फ़िज़ा में भी खिली रही, ये कली अनार की
इसे मज़ार मत कहो, ये महल है प्यार का
ये ज़िन्दगी उसी...
ऐ ज़िंदगी की शाम आ, तुझे गले लगाऊं मैं
तुझी में डूब जाऊं मैं, जहां को भूल जाऊं मैं
बस इक नज़र मेरे सनम
अल्विदा, अल्विदा...