Jab Pyar Kisi Se Hota Hai लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
Jab Pyar Kisi Se Hota Hai लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शुक्रवार, 4 जनवरी 2013

सौ साल पहले - Sau Saal Pehle (Md.Rafi)



Movie/Album: जब प्यार किसी से होता है (1961)
Music By: शंकर जयकिशन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: मो.रफ़ी

सौ साल पहले, मुझे तुमसे प्यार था
आज भी है और कल भी रहेगा
सदियों से तुझसे मिलने, जिया बेक़रार था
आज भी है और कल भी रहेगा

तुम रूठा ना करो
मेरी जाँ मेरी जान निकल जाती है
तुम हँसती रहती हो
तो इक बिजली सी चमक जाती है
मुझे जीते जी ओ दिलबर, तेरा इंतज़ार था
आज भी है और..

इस दिल के तारों में
मधुर झनकार तुम्हीं से है
और ये हसीन जलवा
ये मस्त बहार तुम्हीं से है
दिल तो मेरा सनम, तेरा तलबगार था
आज भी है और...

इन प्यार की राहों में
कहो तो अब दिल को लुटा दूँ मैं
ओ चाँदी के क़दमों में
धड़कते दिल को बिछा दूँ मैं
तुझे मेरे जीवन पर सदा इख़्तियार था
आज भी है और...

Share:

गुरुवार, 3 जनवरी 2013

जिया ओ जिया - Jiya O Jiya (Md.Rafi)



Movie/Album: जब प्यार किसी से होता है (1961)
Music By: शंकर जयकिशन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: मो.रफ़ी

जिया ओ, जिया ओ जिया कुछ बोल दो
अरे ओ, दिल का पर्दा खोल दो
जब प्यार किसी से होता है
तो दर्द सा दिल में होता है
तुम एक हसीन हो लाखों में
भला पा के तुम्हें कोई खोता है
जिया ओ जिया...

नज़रों से कितने तीर चले
चलने दो जिगर पर झेलेंगे
इन प्यार की उजली राहों पर
हम जान की बाज़ी खेलेंगे
इन दो नैनों के सागर में
कोई दिल की नैया डुबोता है
जिया ओ जिया...

तुम भी तो इस आग में जलते हो
चेहरे से बयां हो जाता है
हर बात पे आहें भरते हो
हर बात पे दिल थर्राता है
जब दिल पे छुरियां चलती हैं
तो चैन से कोई सोता है
जिया ओ जिया...

Share:

बुधवार, 2 जनवरी 2013

तेरी जुल्फों से जुदाई - Teri Zulfon Se Judai (Md.Rafi)



Movie/Album: जब प्यार किसी से होता है (1961)
Music By: शंकर जयकिशन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: मो.रफ़ी

तेरी ज़ुल्फ़ों से जुदाई तो नहीं माँगी थी
क़ैद माँगी थी, रिहाई तो नहीं माँगी थी

मैंने क्या ज़ुल्म किया, आप खफ़ा हो बैठे
प्यार माँगा था, खुदाई तो नहीं माँगी थी
क़ैद माँगी थी...

मेरा हक़ था तेरी आंखों की छलकती मय पर
चीज़ अपनी थी, पराई तो नहीं माँगी थी
क़ैद माँगी थी...

अपने बीमार पे, इतना भी सितम ठीक नहीं
तेरी उल्फ़त में, बुराई तो नहीं माँगी थी
क़ैद माँगी थी...

चाहने वालों को कभी, तूने सितम भी ना दिया
तेरी महफ़िल से, रुसवाई तो नहीं माँगी थी
क़ैद माँगी थी...

Share: