Movie/Album: सिकंदर-ए-आज़म (1965)
Music By: हंसराज बहल
Lyrics By: राजिंदर कृषण
Performed By: मो.रफ़ी
जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़ियां करती है बसेरा
वो भारत देश है मेरा
जहाँ सत्य, अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा
वो भारत देश है मेरा
(जय भारती...)
ये धरती वो जहाँ ऋषि मुनि जपते प्रभु नाम की माला (हरी ॐ)
जहाँ हर बालक इक मोहन है और राधा इक-इक बाला
जहाँ सूरज सबसे पहले आ कर डाले अपना फेरा
वो भारत देश है मेरा...
जहाँ गंगा, जमुना, कृष्ण और कावेरी बहती जाए
जहाँ उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम को अमृत पिलवाये
ये अमृत पिलवाये
कहीं ये फल और फूल उगाये, केसर कहीं बिखेरा
वो भारत देश है मेरा...
अलबेलों की इस धरती के त्योहार भी हैं अलबेले
कहीं दीवाली की जगमग है, होली के कहीं मेले
जहाँ आसमान से बातें करते मंदिर और शिवाले
किसी नगर मे किसी द्वार पर कोई न ताला डाले
और प्रेम की बंसी जहाँ बजाता आये शाम सवेरा
वो भारत देश है मेरा...
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Music By: हंसराज बहल
Lyrics By: राजिंदर कृषण
Performed By: मो.रफ़ी
जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़ियां करती है बसेरा
वो भारत देश है मेरा
जहाँ सत्य, अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा
वो भारत देश है मेरा
(जय भारती...)
ये धरती वो जहाँ ऋषि मुनि जपते प्रभु नाम की माला (हरी ॐ)
जहाँ हर बालक इक मोहन है और राधा इक-इक बाला
जहाँ सूरज सबसे पहले आ कर डाले अपना फेरा
वो भारत देश है मेरा...
जहाँ गंगा, जमुना, कृष्ण और कावेरी बहती जाए
जहाँ उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम को अमृत पिलवाये
ये अमृत पिलवाये
कहीं ये फल और फूल उगाये, केसर कहीं बिखेरा
वो भारत देश है मेरा...
अलबेलों की इस धरती के त्योहार भी हैं अलबेले
कहीं दीवाली की जगमग है, होली के कहीं मेले
जहाँ राग-रंग और हँसी-खुशी का चारों ओर है घेरा
वो भारत देश है मेरा...जहाँ आसमान से बातें करते मंदिर और शिवाले
किसी नगर मे किसी द्वार पर कोई न ताला डाले
और प्रेम की बंसी जहाँ बजाता आये शाम सवेरा
वो भारत देश है मेरा...