सोमवार, 20 अगस्त 2012

रिश्ते - Rishtey (James, Life In A Metro)



Movie/Album: लाइफ इन अ मेट्रो (2007)
Music By: प्रीतम चक्रबोर्ती
Lyrics By: सईद कादरी
Performed By: जेम्स

रिश्ते तो नही रिश्तों की, परछाईयाँ मिले
ये कैसी भीड़ है बस यहाँ, तन्हाईयाँ मिले

इक छत के तले अजनबी हो जाते हैं रिश्ते
बिस्तर पे चादरों से चुप सो जाते हैं रिश्ते
ढूँढे से भी इनमें नहीं गरमाईयाँ मिले
ये कैसी भीड़...

जिसको भी देखिए वो अधूरा सा है यहाँ
जैसे कहीं हो और वो आधा रखा हुआ
वो जब जहाँ जुड़े वहीँ जुदाईयाँ मिले
ये कैसी भीड़...
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