Movie/Album: हरियाली और रास्ता (1962)
Music By:शंकर जयकिशन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: मुकेश, लता मंगेशकर
लाखों तारे, आसमान में
एक मगर ढूंढे ना मिला
देख के दुनिया की दिवाली
दिल मेरा चुपचाप जला...
क़िस्मत का है, नाम मगर है, काम है ये दुनिया वालों का
फूंक दिया है चमन हमारे ख्वाबों और खयालों का
जी करता है खुद ही घोंट दे, अपने अरमानों का गला
देख के दुनिया की दिवाली...
सौ-सौ सदियों से लम्बी ये, घुम की रात नहीं ढलती
इस अंधियारे के आगे अब, ऐ दिल एक नहीं चलती
हँसते ही लूट गयी चांदनी, और उठते ही चाँद ढला
देख के दुनिया की दिवाली...
मौत है बेहतर इस हालत से, नाम है जिसका मजबूरी
कौन मुसाफिर तय कर पाया, दिल से दिल की ये दूरी
काँटों ही काँटों से गुज़रा, जो राही इस राह चला
देख के दुनिया की दिवाली...
Music By:शंकर जयकिशन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: मुकेश, लता मंगेशकर
लाखों तारे, आसमान में
एक मगर ढूंढे ना मिला
देख के दुनिया की दिवाली
दिल मेरा चुपचाप जला...
क़िस्मत का है, नाम मगर है, काम है ये दुनिया वालों का
फूंक दिया है चमन हमारे ख्वाबों और खयालों का
जी करता है खुद ही घोंट दे, अपने अरमानों का गला
देख के दुनिया की दिवाली...
सौ-सौ सदियों से लम्बी ये, घुम की रात नहीं ढलती
इस अंधियारे के आगे अब, ऐ दिल एक नहीं चलती
हँसते ही लूट गयी चांदनी, और उठते ही चाँद ढला
देख के दुनिया की दिवाली...
मौत है बेहतर इस हालत से, नाम है जिसका मजबूरी
कौन मुसाफिर तय कर पाया, दिल से दिल की ये दूरी
काँटों ही काँटों से गुज़रा, जो राही इस राह चला
देख के दुनिया की दिवाली...