Movie/Album : बहारों के सपने (1967)
Music By : आर.डी.बर्मन
Lyrics By : मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By : लता मंगेशकर
क्या जानूं सजन, होती है क्या गम की शाम
जल उठे सौ दिए, जब लिया तेरा नाम
काँटों में मैं खड़ी, नैनों के द्वार पे
नित दिन बहार के, देखूं सपने
चेहरे की धूल क्या चंदा की चांदनी
उतरी तो रह गयी, मुख पे अपनी
क्या जानूं सजन...
जब से मिली नज़र, माथे पे बन गए
बिंदिया नयन तेरे, देखो सजना
भर ली जो प्यार से मेरी कलाईयाँ
पिया तेरी उंगलियाँ हो गयी कंगना
क्या जानूं सजन..
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