Music By : शंकर, एहसान, लॉय
Lyrics By : गुलज़ार
Performed By : राहत फ़तेह अली खान, महालक्ष्मी अय्यर
धागे तोड़ लाओ चाँदनी से नूर के
घूंघट ही बना लो रोशनी से नूर के
शर्मा गयी तो आगोश में लो
साँसों से उलझी रहे मेरी सांसें
बोल ना हलके-हलके, बोल ना हलके-हलके,
होंठ से हलके-हलके, बोल ना हलके
आ नींद का सौदा करें, इक ख्वाब दें, इक ख्वाब लें
इक ख्वाब तो आँखों में है, इक चाँद के तकिये तलें
कितने दिनों से ये आसमान भी सोया नहीं है, इसको सुला दें
बोल ना...
उम्र लगी कहते हुए, दो लफ्ज़ थे इक बात थी
वो इक दिन सौ साल का, सौ साल की वो रात थी
कैसा लगे जो चुप-चाप दोनों, पल-पल में पूरी सदियाँ बिता दें
बोल ना...
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Lyrics By : गुलज़ार
Performed By : राहत फ़तेह अली खान, महालक्ष्मी अय्यर
धागे तोड़ लाओ चाँदनी से नूर के
घूंघट ही बना लो रोशनी से नूर के
शर्मा गयी तो आगोश में लो
साँसों से उलझी रहे मेरी सांसें
बोल ना हलके-हलके, बोल ना हलके-हलके,
होंठ से हलके-हलके, बोल ना हलके
आ नींद का सौदा करें, इक ख्वाब दें, इक ख्वाब लें
इक ख्वाब तो आँखों में है, इक चाँद के तकिये तलें
कितने दिनों से ये आसमान भी सोया नहीं है, इसको सुला दें
बोल ना...
उम्र लगी कहते हुए, दो लफ्ज़ थे इक बात थी
वो इक दिन सौ साल का, सौ साल की वो रात थी
कैसा लगे जो चुप-चाप दोनों, पल-पल में पूरी सदियाँ बिता दें
बोल ना...