Movie/Album : लम्हा (2010)
Music By : मिथुन
Lyrics By : सईद कादरी
Performed By : क्षितिज तारे, चिन्मयी
है दिल को तेरी आरज़ू
पर मैं तुझे ना पा सकूँ
है दिल को तेरी आरज़ू
पर मैं तुझे ना पा सकूँ
मैं हूँ शब तू सुबह
दोनों जुड के जुदा
मैं हूँ लब तू दुआ
दोनों जुड़ के जुदा
मादनो.. माशुको.. दिलबरो.. मादनो रे
कई ख्वाब दिल तुझको लेकर सजाये
पर खौफ ये भी कहीं पर सताए
गर ये भी टूटे तो फिर होगा क्या रे
मुझे रास आती है खुशियाँ कहाँ रे
क्यूँ दिल को दुखाना बेवजह
फिर आंसू बहाना एक दफा
मैं हूँ शब...
तू ही तो हर पल बंधा है
लम्हों की इन जंजीरों में
तू ही तो हर दम रहा है
ख़्वाबों की हर ताबीरों में
तू ही तो हर दिन दिखा है
धुंधली या उजली तस्वीरों में
तेरी ही तो है खुशबू मुझे में हाँ
अब तू ही तो हरसू-हर जगह
बोचुस शब् से सुबह,
मीलिथ दोश्वयी जुदा
बोचुस लब से दुआ,
मीलिथ दोश्वयी जुदा
मादनो..
हाँ तेरा साया तो मैं हूँ
पर संग तेरे ना रह सकूँ
हाँ इस सफ़र में तो मैं हूँ
पर संग तेरे ना रुक सकूँ
मैं हूँ शब...
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