Movie/Album : तीसरी मंजिल (1966)
Music By : आर.डी.बर्मनLyrics By : मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By : मो.रफ़ी
तुमने मुझे देखा, हो कर मेहरबान
रुक गयी ये ज़मीं, थम गया आसमां
जाने मन, जाने जाँ
तुमने मुझे...
कहीं दर्द के सहरा में, रुकते चलते होते
इन होंठों की हसरत में, तपते जलते होते
मेहरबान हो गयी, ज़ुल्फ़ की बदलियाँ
जानेमन, जाने जाँ...
लेकर ये हसीं जलवे, तुम भी न कहाँ पहुंचे
आखिर को मेरे दिल तक, क़दमों के निशाँ पहुंचे
ख़त्म से हो गए, रास्ते सब यहाँ
जानेमन, जाने जाँ...