शुक्रवार, 7 अक्टूबर 2011

दिन परेशां है - Din Pareshan Hai (Bol, Sajjad Ali)



Movie/Album: बोल (2011)
Music By: सज्जाद अली
Lyrics By: अली मोइन, सज्जाद अली
Performed By: सज्जाद अली

दिन परेशां है, रात भारी है
ज़िन्दगी है के, फिर भी प्यारी है
क्या तमाशा है, कब से जारी है
ज़िन्दगी है के...

इस कहानी को, कौन रोकेगा
उम्र ये सारी कौन सोचेगा
साथ काटी है, या गुज़ारी है
ज़िन्दगी है के...

रंगों से कहूं, लकीरों से कहूं
मैली-मैली सी तस्वीरों से कहूं
बेक़रार सी, बेक़रारी है
ज़िन्दगी है के...
Share: